Thursday, June 7, 2012

हमारा परिचय

 मैं गोपाल कृष्णा चौहान ( mcoolchauhan@gmail.com ) कवि , लेखक ( meriilekhnii.co.cc )  , समाज सेवक , पत्रकार ,चित्रकार (sktches ) , तकनीकी छेत्र से बी. टेक. ( कंप्यूटर साइंस ) का छात्र (ergopalkrishnawithc.co.cc) हूँ  | भाईसाहब नंदकिशोर ( mailme.ulike@gmail.com ) के कहेने पर मेंने इस साईट ( bhrigusamhita.co.cc ) का सृजन किया है | 
आज के दौर में सभ ही अपना भविष्य जानने को उत्सुक रहेते है  ( वर्गीकरण में मैं भी हूँ  ) जिससे भविष्य सुखद हो  | परन्तु समाज में बगुला भगत बहुत है जो ज्योतिष नाम बदनाम करने पर लगे हुए है |

कुछ मंत्रो के विषय में बातें बताना चाहूँगा  :


  • जब हम ओम का उच्चारण करते है तो यह हमारी नाभि से उठता है जिसकी वजह से यह हमारे मन और मस्तिषक पर असर डालता है ! क्योकि नाभि से उठने की वजह से उस समय हमारा मन एकाग्रचित हो जाता है ! और हम समाधि की हालत मे चले जाते है आपका कथन सही है कि ओम सब मंत्रो का सार है 
  • मंत्र तो सफलता प्राप्ति के लिये किये गये कार्यो की सहायक पगडंडी है ,,,पूर्ण सफलता काम के प्रति लग्नशीलता से ही मिलती है ,,जब किया गया परिश्रम का उचित फल नहीं मिलता तो मंत्र उनमे सहायता करते है ,,आप के कार्य मैं आई रुकावट को दूर करने का मंत्रो ओर तंत्र मैं उपाय है ,,मगर विश्वास हो तो कीजियेगा ,,क्योंकि अपमानित भाव से ओर कटाक्ष भाव से किये गये उपाय नकारात्मक परिणाम ही देते है ,,ये अवश्य याद रखिएगा । 
 
  • मेरा मानना है कि वैदिक मंत्रों का जप सार्थक होता है। जहाँ एक ओर वैदिक मंत्र होते हैं जो अच्छे और नैतिक कार्यों अथवा सत्कार्य के निष्पादन में काम लिए जाते हैं तो दूसरी ओर बुराई का साथ देने वाले कुछ मंत्र भी होते हैं (यह मैं पूरे विश्वास से नहीं कह सकता कि वास्तव में बुरे प्रभाव वाले मंत्र भी होते हैं)।
    अब इनके वैज्ञानिक पहलू पर बात करें तो देखिए क्या तथ्य सामने आते हैं।
    हम सभी जानते हैं कि हर जीव की आवाज की एक फ्रिक्वेंसी होती है जो कि सभी के लिए अलग अलग होती है। मानव 20 hz से 20 khz तक की फ्रिक्वेंसी वाली आवाज को सुन सकता है, यह फ्रिक्वेंसी रेंज ऑडीबल फ्रिक्वेंसी रेंज कहलाती है। अलग अलग फ्रिक्वेंसी की आवाज अलग अलग कार्य करती है जैसे कि LASER भी अलग अलग फ्रिक्वेंसी की होती है और अलग अलग कामों के लिए प्रयुक्त होती है। इसी प्रकार हमारे मनीषियों ने गहरा अनुसंधान करने के बाद फ्रिक्वेंसीज के कुछ समूहों को खोजा जिनके उचित प्रयोग से अलग अलग कार्य किए जा सकते थे। फ्रिक्वेंसी के ये अलग अलग समूह ही मंत्र है। अलग अलग उद्देश्य के लिए विभिन्न मंत्र है जिनकी फ्रिक्वेंसी भी अलग होती है। इस प्रकार जैसे कि दिनेश भाई कह रहे हैं, मंत्र की सफलता के लिए उसका सही उच्चारण और सही लय में पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आखिर मंत्र काम कैसे करते हैं? इसका जवाब भी है और यह है कि हम सभी जानते हैं हमारे आस पास सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा रहती है। मंत्र के सही पाठ से हमारे समीप मौजूद सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है और इससे हमारे मनोबल पर फर्क पड़ता है। ज्यादातर मंत्र हमारे मनोबल को प्रभावित करते हैं,  सच्ची सफलता तो हमारी मेहनत से मिलती है मंत्र तो केवल सहायता करते हैं और वे सहायता करते हैं आत्मविश्वास में इजाफा करके।
    इस प्रकार यदि सार रूप में कहा जाए तो यह कहेंगे कि बिल्कुल मानव जीवन पर मंत्रों का असर होता है लेकिन तभी जब उसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। 

1 comment:

  1. mera nam hai hetika mera email maakajirk@gmail.com he mujhe dar bahut dar lagta he kuch mere pichle janam ke bare me batao

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